TDS Kya Hai. TDS क्या है- TDS से संबंधित जानकारी।

TDS Kya Hai. TDS क्या है- TDS से संबंधित जानकारी।

TDS Kya Hai?

टीडीएस इनकम टैक्स वसुलने का एक तरीका है किसी व्यक्ति की सभी स्त्रोतों से प्राप्त आय पर जो टैक्स सरकार द्वारा लिया जाता है उसे टीडीएस कहते हैं। टीडीएस भिन्न भिन्न स्त्रोतों से प्राप्त आय जैसे वेतन, ब्याज या किसी निवेश पर मिलने वाले लाभ आदि पर मिलता है और सरकार द्वारा टीडीएस के माध्यम से टैक्स वसूलती है। इनकम टैक्स विभाग के द्वारा टीडीएस काटने के कुछ नियम और दरें निर्धारित किए गए हैं। अगर आपको TDS Kya Hai समझना तो आज के आर्टिकल को ध्यान से पढ़े। तो आइये जानते है TDS Kya Hai से संबंधित जानकारी के बारें में।

TDS की फुल फॉर्म क्या है?

टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (Tax Deducted at Source) यानि स्त्रोत पर की गई टैक्स (कर) कटौती।

TDS से जुड़े महत्वपूर्ण नियम और दरें।

भारतीय आयकर विभाग द्वारा नियम और दरें इनकम टैक्स भरने के लिए ही नहीं अपितु टीडीएस को भरने के लिए भी आयकर विभाग द्वारा कुछ महत्वपूर्ण नियम और दरें लागु की गयी है जिनका पालन करना अनिवार्य है। टीडीएस को लेकर कुछ महत्वपूर्ण नियम इस प्रकार है।-

नियम 1. इस नियम के अनुसार सोर्स पर किया जाने वाला टैक्स डिडक्शन भुगतान देय हो अर्थात इसके तहत जो भी वास्तविक राशि दी जाती है उस पर कटौती की जाय।

नियम 2. इस नियम के अनुसार यदि टैक्स डिडक्शन में देरी होगी तो ब्याज के रूप में 1 % की कटौती की जाएगी। जो भुगतान करना पड़ेगा।

नियम 3. प्रत्येक नागरिक फिर चाहे वह किसी भी सरकारी संस्था का कर्मचारी हो या कोई और उसे अगले महीने की 7 तारीख से पहले टैक्स का भुगतान करना आवश्यक है।

नियम 4. टैक्स भरने में देरी होने या किसी वजह से टैक्स न भर पाने के मामले में यदि आप टैक्स नहीं भर पाते तो इसके लिए आप जिम्मेवार है। इसके लिए जब तक आप टैक्स का भुगतान नहीं करते तब तक आपके खाते से हर महीने 1.5 % की ब्याज दर से टैक्स वसूला जायेगा।

TDS कितना प्रतिशत कटता है?

भारतीय आयकर विभाग के तहत टीडीएस इनकम दरों पर लागु है। प्रार्थी की इनकम के हिसाब से टीडीएस काटा जाता है । टैक्स डिडक्शन सोर्स के माध्यम से कितना टैक्स काटा जाता है। की जानकारी के लिए आप हमारे पेज के अंत तक जरूर बने रहे।

  1. टीडीएस के तहत यदि किसी भी नागरिक आय सालाना 5 लाख रुपये से लेकर 7.5 लाख रुपये के बीच है तो उस उम्मीदवार की आय पर टीडीएस हर महीने  10 % काटा जाता है।
  2. यदि उमीदवार की आय 750001 से लेकर  10 लाख रुपये सालाना के बीच है तो उस उम्मीदवार की आय से हर महीने 15% टीडीएस के रूप में टैक्स काटा जाता है।
  3. टीडीएस के तहत यदि किसी उम्मीदवार की आय 1000001 से लेकर 12.50 लाख सालाना के बीच है तो उस उम्मीदवार की आय से  20% की टीडीएस कटौती होती है। अर्थात उस उम्मीदवार की इनकम से 20 % का टीडीएस टैक्स लागु है।
  4. टीडीएस के तहत के यदि किसी उम्मीदवार की आय 12.50001 से लेकर 15 लाख रुपये के बीच है तो उस उम्मीदवार कि आय से हर महीने की टीडीएस राशि 15% ब्याज के रूप में डेडक्ट की जाती है।
  5. यदि उम्मीदवार की आय 15 लाख से ऊपर है तो उस उम्मीदवार को 30% टैक्स के तोर पर कर चुकाना पड़ेगा। अर्थात उस उम्मीदवार की आय से 30% ब्याज के रूप में काट लिया जायेगा।

TDS लागू करने का कारण?

टीडीएस प्रत्यक्ष कर निर्धारण का एक तरीका है जिसके द्वारा टैक्स को डायरेक्ट सोर्स से वसूला जाता है। इस के शुरू करने का मुख्य उद्देश्य टीडीएस टैक्स चोरी करने वालो पर नियंत्रण स्थापित करना है। इसके द्वारा टैक्स सोर्स से डायरेक्ट केंद्र सरकार को भेज दिया जाता है। जिससे किसी प्रकार के टैक्स चोरी होने की सम्भावना नहीं होती। साथ ही साथ इसको उम्मीदवार द्वारा हर महीने देना पड़ता है जिससे की टैक्स भरने में आसानी होती है तथा वर्ष के अंत में उम्मीदवार को एक बड़ी रकम का भुगतान नहीं करना पड़ता जिससे उसे टैक्स पेय करने में भारी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता।

TDS द्वारा Deducted राशि कैसे वापस मिलती है

टीडीएस द्वारा कटौती की गयी राशि केवल उन्ही उम्मीदवारों के अकाउंट से कटौती (Deducte) होती है जो इस पालिसी के अंदर आते है । जो उम्मीदवार इस Tax Deducted at Source की पॉलिसी में काउंट नहीं होते उन लोगो को यह टीडीएस की राशि वापस मिल जाता है, इसके लिए नागरिकों को income tax return फाइल करना होता है. जिसमे पैन नंबर डालते ही आपका पूरा रिकॉर्ड इससे जुड़ जाता है. यदि आप Tax Deducted at Source पॉलिसी से बाहर हैं, तो आपको टीडीएस द्वारा काटी की राशि वापस कर दी जाती है.

TDS द्वारा पैसा कट जाने पर क्या करे?

टीडीएस द्वारा यदि आपके अकाउंट से पैसा कट जाता है और आप टीडीएस की सेलेब से बाहर है तो इस दौरान आप आप क्या करे क्या नहीं यह सवाल आपके मन में उठता है तो दोस्तों आप इस दौरान क्या कर सकते है और नहीं। तो हम  आपको बता दे की तो इसके लिए आपको आई टी आर फाइल करनी होगी और जैसे ही आप वह अपने पैन कार्ड नंबर डालते तो आपका पूरा बायो डाटा निकल आता है। और आप इसमें चेक कर सकते है की आप इस स्लेब से बाहर है या नहीं यदि आप इस स्लेब से बहार है तो आपका पैसा आपको मिल जायेगा अर्थात आपका पैसा आपके अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जायेगा।

TDS Return क्या होता है एवं इससे जुडी डिटेल। 

टीडीएस रिटर्न्स एक तीन महीने का अर्थात त्रेमासिक विवरण है जिसको भारतीय आयकर विभाग को जमा करने की जरूरत पड़ती है। अगर यह समय से पूर्व जमा नहीं किया जाता तो इसके लिए आपको अतिरिक्त ब्याज चुकाने की आवश्यकता पड़ती है। इससे जुडी अन्य डिटेल के बारे हम आप को बता दे की इसके लिए आपको परमानेंट पैन कार्ड नंबर की डिटेल , आपके द्वारा जमा किये गए टैक्स / कर की डिटेल, टीडीएस द्वारा आपके ऊपर किये गए चलन और फॉर्म में उपलब्ध अन्य डिटेल्स शामिल है।

निष्कर्ष :-

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मैं बेचलर ऑफ़ आर्ट्स से ग्रेजुएट हूँ। मैंने ब्लॉग लिखने की शुरुआत अपने CSC Center के साथ-साथ की थी, जिसमें अब मुझे 3 वर्षों का अनुभव हो चुका है। वर्तमान में मै Haryana Yojana व Haryana से जुड़े सभी Portal के बारें में Superfast3educatoin.in पर जानकारी शेयर करता हूँ।